हरदा में केंद्रीय विद्यालय बनने का रास्ता साफ़

हरदा।   लंबे समय से केन्द्रीय विद्यालय  जमीन की उलझन में फंसा हुआ था, लेकिन गुरूवार को प्रशासन ने ग्राम अबगांवखुर्द में आवंटित की गई जमीन का सीमांकन कराकर उसे केन्द्रीय विद्यालय संगठन को सौंप दिया है।
      साथ ही भूमि पर खूटियां भी लगवा दी हैं, इससे विद्यालय के नए भवन बनने का रास्ता साफ हो गया है। उल्लेखनीय है कि पांच साल पहले वर्ष 2010 में जिला पंचायत के सामने वृद्धाश्रम में केन्द्रीय विद्यालय की शुरूआत हुई थी। तब इसमें कक्षा 1 से 5 वीं तक कक्षाएं संचालित हो रही थीं। इसके बाद वर्ष 2011 में छटवीं की कक्षा बढ़ाई गई थी। लेकिन इसके बाद संगठन ने जगह की कमी बताकर नए प्रवेशों पर रोक लगाते हुए आगे की कक्षाएं बढ़ाई जा रही थीं, वहीं शुरूआती कक्षाओं  को कम किया जा रहा था। इस पर विद्यालय में पढ़ने वाले पालकों ने हंगामा किया था। यह देखकर प्रशासन ने अबगांवखुर्द में नए भवन निर्माण के लिए 10 एकड़ जमीन आवंटित की थी, लेकिन इस पर गेहूं भंडारण केंद्र साइलोबैग का कब्जा होने से निर्माण अधर में लटका हुआ था।
        तीन महीने पहले कलेक्टर रजनीश श्रीवास्तव ने साइलोबैग के अधिकारी को निर्देश देकर दो हफ्ते में जमीन खाली करने के निर्देश दिए थे, लेकिन गेहूं परिवहन की गति धीमी होने से भूमि खाली होने में महीनों लग गए। गत दिवस प्रशासन ने साइलोबैग द्वारा जमीन खाली कर दिए जाने संबंधी पत्र केन्द्रीय विद्यालय को भेजा था। जिस पर केन्द्रीय विद्यालय संगठन भोपाल के निर्देश पर इटारसी के प्राचार्य शिवप्रसाद और केवी के प्रभारी प्राचार्य गयादीन बनखेडे ग्राम अबगांवखुर्द पहुंचे। राजस्व निरीक्षक लक्ष्मीनारायण बछोतिया, मूरतसिंह ने मौके पर आकर भूमि खसरा नंबर 44/5 और 44/6 रकबा 10 एकड़ का सीमांकन किया और पंचनामा बनाकर प्राचार्य बनखेडे को जमीन का आधिपत्य सौंपा। इस मौके पर शिक्षक ओपी दोगने, पालक डॉ. सत्यनारायण बांके, कोटवार सुरेशचंद्र सहित अन्य उपस्थित थे।किेन्द्रीय विद्यालय के लिए अबगांवखुर्दमें आवंटित की गई10 एकड़ जमीन का आरआई के माध्यम से सीमांकन कराकर प्राचार्यको आधिपत्य सौंप दिया है। के. वी. की जमीन पर साइलोबैग का अब कोई कब्जा नहीं है।

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